Wednesday, 25 April 2012

"अपना बना लीजिए"

कृति-- मोहित पाण्डेय "ओम"

अपनी नजरों में हमको बसा लीजिए,
हमको इतनी  बड़ी अब सजा दीजिए |
सब  दीवाने  तुम्हारे है  तो  क्या  हुआ,
अब तो हमको भी अपना बना लीजिए||

अपने    चेहरे   से   घूँघट   हटा   दीजिए,
इन काली घटाओं में खुद को समां लीजिए|
इश्क   में   हम     बेहोश  तो     क्या   हुआ.
अपने     होंठों  से    मदिरा   पिला दीजिए ||

इन  तीखी  निगाहों  से  न   क़त्ल कीजिये,
हमसे करके मुहब्बत अपना बना लीजिए|
तेरे  इश्क  में बदनाम  हुए  तो क्या  हुआ,
अपनी   नजरों   में   हमको  बसा  लीजिए|
अपने    चेहरे   से  घूँघट   हटा     दीजिए  ||

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