Sunday, 15 April 2012

"इंजीनियर्स"


कृति --- जीतेंद्र गुप्ता

जब भी मौका हमको मिलता
हम ताश खेलते हैं
जब भी मौका हमको मिलता
दोस्तों को पेलते है |
मेश के खाने के भूत
हमको भी सताते हैं
फिर भी कॉलेज के 4 साल
अनमोल बनाते हैं |
दिन में चाहे कुछ ना करें
पर nightout मारते हैं
exams के time पर हम
knockout जागते हैं |
हम engineering student हैं
मस्ती में झूमते हैं
और भविष्य के सुनहरे सपने
हमारी आँखों में झूमते हैं|

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