Sunday, 15 April 2012

"उन्हें ना रही अब मुह्हब्बत"

कृति- मोहित पाण्डेय"ओम "

उन्हें ना रही अब हमसे मुहब्बत,
उन्होंने कहा अब हमें भूल जाओ |
उन्हें ना रही अब हमारी जरुरत,
उन्होंने कहा अब हमें भूल जाओ |

इंतजार कभी अब मत करना,
हमारी बीती दिल्लगी भूल जाओ |
पहले तो दिल में बसाया था उसने,
मगर अब कहा ये शहर छोड़ जाओ |

उन्हें ना रही अब हमसे मुहब्बत,
उन्होंने कहा अब हमें भूल जाओ |
नादान    दिल  ने     उनसे कहा,
पहले  हमारी  खफा   तो बताओ ||

नासमझी   से गर   भूल हो  गयी  हो,
तो इतनी बड़ी अब सजा मत  सुनाओ|
मर   भी  ना  पाएंगे   तेरे   हम  बिन,
जिन्दा दफन कर ना हमको   सताओ ||

उन्हें ना रही अब हमसे मुहब्बत,
उन्होंने कहा अब हमें भूल जाओ ||


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