Wednesday 8 February 2012

दिल की चाह


उसकी एक झलक देखने की चाह ने दीवाना हमे इस कदर किया......
कि इस जिंदगी की तेज रफ़्तार में भी  रुकने पे मजबूर किया !!!!!!!!

बीच राह में रुककर किया था हमने उसके दीदार का इंतजार........
पर फिर भी उस जालिम बेवफा ने किया मिलने तक से भी इंकार!!!!!!!!!!!

अरे गम तो हमे इस बात से नही की वो बेवफा निकल गयी ............
दिल तो बेचैन इस बात से है कि हमारी वफ़ा में क्या कमी रह गयी !!!!!!

                                                                                 -प्रेमराज कुमार

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