Sunday 25 December 2011

"जागृति"

"जागृति"
कृति - सत्येन्द्र पुरोहित

हालात इतने जटिल कहाँ
जो ना बदले वो हालात कहाँ
सांसो का जो बादल गरज रहा
वो न बरसे तो जिन्दा कहाँ

रगो में ऐसा तूफां ला दो
कम्पित शीत को ग्रीष्म बना दो
जहाँ शमशान सा हो प्रतीत
वही मुर्दों को आग लगा दो

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