हिंदी और हिंदी साहित्य को आसमां तक पहुचाने का प्रयास एक नए दृष्टिकोण के साथ ..
हालात इतने जटिल कहाँजो ना बदले वो हालात कहाँसांसो का जो बादल गरज रहावो न बरसे तो जिन्दा कहाँ
रगो में ऐसा तूफां ला दोकम्पित शीत को ग्रीष्म बना दोजहाँ शमशान सा हो प्रतीतवही मुर्दों को आग लगा दो
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