"शिक्षा का अधिकार, कहाँ ???"
कृति : आलोक कुमार सिंह
आज सुबह ही देखा था उसको एक ढाबे पे बर्तन धोते हुए ,
जब मै ४ कपडे पहना था , देखा था उसे नंगे बदन इधर उधर जाते हुए ,
जब मै बिस्तर से निकलना भी ना चाहू , देखा था उसे ठण्ड में सिकुडते हुए ,
जब मै चाहू कुछ गरमा गरम खाना,देखा उसे दूसरों का खाना बनाते हुए |
आज सुबह ही देखा था उसे बच्चों को स्कूल-बस में चढ़ाते हुए ,
इतनी ठण्ड में देखा उसे बस की गेट पर कपकपाते हुए ,
फिर भी थोड़ी सी गलती पर देखा था ड्राईवर को उसपे चिल्लाते हुए ,
मैंने देखा एक बच्चे को ही उन बच्चों को बस में चढ़ाते हुए |
आज सुबह ही देखा था उसको कैंटीन में पराठे बनाते हुए
कुछ देर बाद देखा था उसे कुछ टीचर्स को चाय पकडाते हुए
मैंने देखा था ठण्ड की वजह से उसे कुछ बर्तन गिराते हुए
फिर मैंने सुना था विजोय दा को उसको गरियाते हुए |
आज सुबह ही देखा था उसको सगड़ी चलाते हुए
मैंने देखा था सगड़ी के हैंडल को इधर उधर जाते हुए
फिर देखा था उसे खीचकर हैंडल सगड़ी को सीधा चलाते हुए
जब हम होते हैं एक गट्ठर उठाने में असमर्थ उसे देखा था ५० किलो भार उठाते हुए
फिर देखा था उसे २० रुपये के लिए गिडगिडाते हुए |
आज सुबह ही मैंने पाया खुद को सबसे एक प्रश्न करते हुए,
की कहाँ है शिक्षा का अधिकार और कहाँ है बाल श्रम एक कानूनन जुर्म ??
कृति : http://www.facebook.com/onlyalok08
कृति : आलोक कुमार सिंह
आज सुबह ही देखा था उसको एक ढाबे पे बर्तन धोते हुए ,
जब मै ४ कपडे पहना था , देखा था उसे नंगे बदन इधर उधर जाते हुए ,
जब मै बिस्तर से निकलना भी ना चाहू , देखा था उसे ठण्ड में सिकुडते हुए ,
जब मै चाहू कुछ गरमा गरम खाना,देखा उसे दूसरों का खाना बनाते हुए |
आज सुबह ही देखा था उसे बच्चों को स्कूल-बस में चढ़ाते हुए ,
इतनी ठण्ड में देखा उसे बस की गेट पर कपकपाते हुए ,
फिर भी थोड़ी सी गलती पर देखा था ड्राईवर को उसपे चिल्लाते हुए ,
मैंने देखा एक बच्चे को ही उन बच्चों को बस में चढ़ाते हुए |
आज सुबह ही देखा था उसको कैंटीन में पराठे बनाते हुए
कुछ देर बाद देखा था उसे कुछ टीचर्स को चाय पकडाते हुए
मैंने देखा था ठण्ड की वजह से उसे कुछ बर्तन गिराते हुए
फिर मैंने सुना था विजोय दा को उसको गरियाते हुए |
आज सुबह ही देखा था उसको सगड़ी चलाते हुए
मैंने देखा था सगड़ी के हैंडल को इधर उधर जाते हुए
फिर देखा था उसे खीचकर हैंडल सगड़ी को सीधा चलाते हुए
जब हम होते हैं एक गट्ठर उठाने में असमर्थ उसे देखा था ५० किलो भार उठाते हुए
फिर देखा था उसे २० रुपये के लिए गिडगिडाते हुए |
आज सुबह ही मैंने पाया खुद को सबसे एक प्रश्न करते हुए,
की कहाँ है शिक्षा का अधिकार और कहाँ है बाल श्रम एक कानूनन जुर्म ??
कृति : http://www.facebook.com/onlyalok08
bahut khub...
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