हल्दी छिडककर खत में एक पैगाम भेजा है|
मेहंदी लगाई दूसरे की अपने हाथ में,
साकी के हाथ विष भरा एक जाम भेजा है |
अरमान थे हम उनकी मांग सजायेंगे,
हर हाल में उन्हें हम अपना बनायेंगे|
वो रुथ गए ऐसे कि हम मना न पाए,
उनकी खुशी कि खातिर जिंदगी तन्हाइयों में बिताएंगे|
. . mohit pandey"om"
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